मामला आम मंडी का



मामला आम मंडी का
आढ़तीये का तिलिस्म और सिसकती व्यवस्था
तीन तराजू में तुलते आम, कभी बोली कभी तोली के बीच पिसते किसान
आलीराजपुर~~ राकेश तंवर~~
संभाग की सबसे बड़ी आम मंडी में रसूखदार आडतीये के तिलिस्म के बीच व्यवस्थाएं सिसक रही हैं। इस सत्र में कलेक्टर के तीखे तेवर से किसानों को थोड़ी तत्कालिक राहत मिलती दिखी लेकिन,कभी बोली तो कभी तोली के बीच आम किसान अपने को पिसता महसूस करता है।


 किसानों को उनकी आम उपज का  उचित दाम कभी भी मिला नहीं हे।हालांकि प्रशासन सालों से इस दिशा में अनमने मन से प्रयास करता  है, लेकिन यथोचित सफलता मिल नहीं पाती।
 इसका सबसे बड़ा कारण आम मंडी का रसूखदार आढ़तीया
मोहम्मद रफीक है।सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार
ये आढ़तीया सालों से आम मंडी को अपनी सुविधा अनुसार अपने परिवारों के साथ संचालित करता  रहा है।
बताते चले की आम मंडी में केवल इसके परिवार का ही आधिपत्य था, फलस्वरूप इसमें कुछ  दखल के माध्यम से बोली की व्यवस्था में परिवर्तन करने का प्रयास किया गया तो रसूखदार आढ़तीये को अपने संपर्क के व्यापारियों से जुगाड़ बनाकर बोली में मुख दर्शक बनने का प्रयास करते देखे गए हैं। इसके चलते आम की बोली प्रभावित हुई। 
किसानों और व्यापारियों में गहरी पैठ ~~~आम मंडी के सूत्र जानकारी देते हुए बताते हैं कि रसूखदार आढ़तीया मोहम्मद रफीक के पिछले कई सालों से बाहरी राज्यों के साथ पड़ोसी जिलों के व्यापारियों  से घनिष्ठ संबंध है उसके चलते हुए आम की बोली अपने हिसाब से कम या ज्यादा लगाकर खत्म कर देते हैं। अंदर खाने की जानकारी के अनुसार अच्छे आम की कम बोली पर खत्म कर देना रसुकदार आरतीये का व्यापारिक पेतरा रहा है। वहीं कुछ किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार आर्थिक सहयोग कर आम की मंडी में अपना  वर्चस्थ स्थापित किया हुआ है।
कभी बोली तो कभी तोली~~~आम मंडी के आरंभ होने के साथ ही किसानों को कम दाम देने की गूंज सुनाई देने पर कलेक्टर ने आम मंडी पहुंचकर रसूखदार आरतीया मोहम्मद रफीक और प्रभारी मंडी सचिव भगवान सिंह को जमकर फटकार लगाते हुए व्यवस्था में सुधार के  साथ आम तोल कर बेचने के निर्देश दिए।
सिसकती व्यवस्था के बीच कभी तोल तो कभी बोल कर आम बेचने के प्रयास पिछले तीन दिनों से जारी है।
सरपंच ने तोल कर बेचा आम~~समीपस्थ ग्राम रोड़धा के  युवा शिक्षित इंजीनियर सरपंच निरंजन पटेल ने अपने आम को तोल से बेचने का आग्रह एसडीएम पांडे से किया तो पांडे ने अपनी उपस्थिति में आम की बोली टोल के माध्यम से की। किसान को पिछले सालों की तुलना में आम की उपज का ज्यादा मूल्य मिला।

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