जिला अस्पताल में व्हील चेयर टूटी फूटी,
मरीज होते परेशान
आलीराजपुर---- जिले का बड़ा और करोड़ों की फंड से वित्त पोषित जिला अस्पताल में मरीज को लाने ले जाने के लिए व्हीलचेयर नहीं है या है भी तो वह अच्छी अवस्था में नहीं है जिसके चलते मरीजों एवं उसके परिजनों को परेशान होना पड़ता है।
ऐसा ही वाक्य गुरुवार को जिला अस्पताल में देखने को मिला जब शहर के योगेश सोलंकी अपने पिता रतन सिंह सोलंकी का एक्सरे करवाने के लिए जिला अस्पताल लेकर गए तो जिला अस्पताल के विभिन्न वार्डों में व्हीलचेयर की तलाश करते रहे। काफी देर बाद उन्हें एक व्हीलचेयर मिली जो अच्छी अवस्था में नहीं थी लेकिन काम चलाने के लिए योगेश सोलंकी अपने मरीज पिता को लेकर जैसे तैसे एक्स-रे रूम पहुंचे वहीं दूसरी घटना में विद्या बाई वाघेला को लेकर परिजन जब इमरजेंसी वार्ड पहुंचे तो वहां भी एकमात्र व्हीलचेयर थी जो अच्छी अवस्था में नहीं थी मैरिज विद्या भाई और उनके परिजन ने बड़ी मुश्किल से व्हीलचेयर पर बिठाते हुए वार्ड तक लेकर गए।
योगेश सोलंकी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला अस्पताल में नाम मात्र की व्हीलचेयर है जबकि मैरिज अधिक आते हैं ऐसे में व्हीलचेयर के लिए भी मरीज परेशान होते हैं उससे ज्यादा परेशानी मरीजों तथा उनके परिजनों को व्हीलचेयर की स्थिति को लेकर होती है उन्हें मन में डर रहता है की कही मरीज चेयर से गिर तो नहीं जाए।
करोड़ो का फंड,लेकिन सुविधा नही--- जिला अस्पताल में मेरी समस्या किसी ने किसी बात के लिए परेशान होते ही रहते हैं करोड़ों की बजट से संचालित होने वाले जिला अस्पताल में अच्छी अवस्था में व्हीलचेयर क्यों नहीं है इस बात का जवाब कौन देगा जिला अस्पताल के जिम्मेदार अच्छी व्हीलचेयर की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं चाहते हैं, या फिर वह इस संदर्भ में मोन बने रहना चाहते हैं। सवालों के बीच मरीजों की परेशानी का कारण बन रही व्हीलचेयर लाते ले जाते मरीज को परेशानी का कारण बन रही।
क्या जिम्मेदार किसी हादसे का इंतजार कर रहे है या फिर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रहे है।