कौन होगा भाजपा का जिला सरदार---



कौन होगा भाजपा का जिला सरदार

राय सुमारी के बाद अटकलों का दौर
मकु को मिलेगा ताज--संजय का खत्म होगा वनवास या सप्लायर बनेगा सरताज
आलीराजपुर---- प्रदेश नेतृत्व के निर्देश के बाद जिले में भाजपा जिला अध्यक्ष के लिए विगत दिनों हुई रायशुमारी के बाद अब नए जिला अध्यक्ष के लिए अटकलें का दोर आरंभ हो गया है। 31 दिसम्बर तक नए नाम की घोषणा करनी थी,परन्तु मिली जानकारी अनुसार 3,या4 जनवरी तक घोषणा की जा सकती है ।


ऐसे में अटकलें में समाते जिला अध्यक्ष के नाम पर कई दावेदार अपने स्तर ऊपर तक पैरवी करते दिख रहे हैं,लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं जिन पर भाजपा जिला अध्यक्ष की नाम की स्वीकृति मिल सकती है।
सम्भावनाओ में समाती राय सुमारी और अटकलों में गूँजते कई नाम है लेकिन फोरी तोर पर 3,4 नामो से प्रदेश से स्वीकृति मिलने के आसार दिखाई दे रहे।इसके बावजूद भाजपा में चौकाने वाले नामो का दौर चल रहा है।


बहरहाल वर्तमान जिला अध्यक्ष मकू परवाल,संघ पृष्ठभूमि के संजय गुप्ता के साथ जिला मीडिया प्रभारी हितेंद्र शर्मा जिला महामंत्री नरिंग मोरी मांगीलाल चौहान के साथ एक सप्लायर भी स्वयं को इस दौड़ में उतार कर दबी जुबान ऊपर तक नाम चलने की दबे स्वर स्वीकृत दे रहा है।  
बताते चले की वर्तमान भाजपा जिला अध्यक्ष मकु परवाल का  उपलब्धियां से भरा हुआ कार्यकाल रहा है।उनके संगठनात्मक रूपी बही खाते में विधानसभा,लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत  के साथ  पहली बार आलीराजपुर विधानसभा  से मंत्री का दायित्व मिलने के साथ ही वर्तमान विधायक और प्रदेश के काबीना मंत्री नागरसिंह चौहान और सांसद अनिता चौहान के साथ उनके तालमेल संगठनात्मक कार्यों में समन्वय सब पर भारी पड़ती दिखाई दे रहा है। यदि प्रदेश नेतृत्व उन्हें दोबारा मौका देते है तो सबसे वजनदार नाम मकु परवाल ही होगा। 
वही संघ पृष्ठभूमि के संजय गुप्ता की विधानसभा के साथ लोकसभा में प्रभावी सक्रियता के जिम्मेदारों पर अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहे है। लम्बे राजनीतिक वनवास के बाद वापसी की  चर्चा जोरों पर है।
 बहरहाल संघ और भाजपा के प्रदेश के  प्रमुखों के साथ आत्मीय रिश्ते संजय को जिलाध्यक्ष की दौड़ में बनाये हुए है।ऐसे में बड़ा प्रश्न होगा कि क्या संजय का सालों से चल रहा वनवास  खत्म होगा।
प्रदेश से जारी दिशा निर्देश के बाद  ग्रामीण क्षेत्र के दो दमदार नाम  नरिंग मोरी और मांगीलाल चौहान इस पद के दावेदार होते हुए भी आदिवासी बहुल जिले में सामान्य वर्ग के कार्यकर्ताओं को भाजपा जिला अध्यक्ष बनाने के चलते संभवत दौड़ से बाहर हो सकते हैं।
वही जिले के एक सप्लायर भी दबी जुबान  पार्टी के कद्दावर नेता के सहारे  जिलाध्यक्ष की दौड़ का सारथी बताते हुए अपने नाम की पीपुड़ी बजा रहे है।जुगाड़,सम्बन्ध,जोर आजमाइश,तरफदारी में खिंचती नामो की डोरी के बीच फसते पेच चलते  हितेंद्र शर्मा के नाम पर पार्टी चौका सकती है ।
हटो और बचो के इस दौड़ में सम्भवतः जिला अध्यक्ष का फैसला पार्टी के कद्दावर नेता, पूर्व जिला अध्यक्ष  किशोर शाह और वर्तमान जिला अध्यक्ष मकु परवाल की जोर आजमाइश के     बीच तोलते तराजू के पलड़ों पर क्षेत्रीय सांसद अनीता चौहान और प्रदेश के मंत्री नागर सिंह चौहान के बाट रूपी वजन जिस पलड़े पर रख दिए जाएंगे संभवत वही इस जिले का मुखिया बन सकता है। राजनीति के खाँटी खिलाड़ी नागर सिंह चौहान और सांसद अनीता भी इस दौड़ में खुले रूप में किसी को समर्थन देने का प्रयास करते ना दिखे लेकिन अंदरूनी तौर पर यह निश्चित है कि उनकी राय ही जिले का नया अध्यक्ष बनाने में महत्वपूर्ण होगी।

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