भंगोरिया पर्व पर व्यवस्था,खाद्य सामग्रियों को लेकर जयस ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन~~
जयस जिलाध्यक्ष कनेश की दो टूक
भोंगरिया हाट वेलेंटाइन का प्रतीक नहीं,घर बैठे किए शोध और भ्रामक तथ्यों ने बिगाड़ा स्वरूप
आलीराजपुर~~~ आदिवासियों का इतिहास लिखित ना होकर,पारंपरिक रूडी प्रथाओं के रूप में जिंदा हे।अलिखित इतिहास होने के चलते मीडिया अपनी टीआरपी बढ़ाने, मसाला खबरों के फेर में भंगोरिया को लेकर आधारहीन तथ्यों का पाठयपुस्तक और इंटरनेट पर प्रचारित किया जाता रहा हे।
उक्त बातें
जयेस जिला अध्यक्ष अरविंद कनेश ने भंगोरिया पर्व में सुरक्षा के साथ मिलावटी खाद्य सामग्रियों पर प्रतिबंध सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन संतोष रत्नाकर को सौंपने के दौरान कही।
इस दौरान जयेस नेता कनेश ने आदिवासियों के पारंपरिक पर्व भंगोरिया को लेकर मीडिया,घर बैठे शोध करने वाले,वेलेंटाइन के रूप में बताने पर इस तरह के लोगों को कटघरे में खड़ा करते हुए दो टूक कहा हे कि इस तरह की भ्रामक बातें,टीआरपी बढ़ाने के फेर में भंगोरिया का वास्तविक स्वरूप को चोट पहुंचाई जा रही है।
कनेश ने कहा कि दरअसल भंगोरिया पर्व आनंद,उल्लास और खुशियों का पर्व हे।
जयेश नेता कनेश ने तथ्यों के आधार पर बताया कि दो भील राजा राजा कसुमर और बालून ने भगोर में फसल कटाई के बाद आवश्यक सामग्रियों की खरीदी के लिए बड़े मेले हाट लगाना आरंभ किया।जिसका दायरा आप पास के राजाओं ने भी बढ़ाया। जिसे कालांतर में भंगोरिया कहा जाने लगा।
क्या हे ज्ञापन में~~~~भंगोरिया पर्व में महिला सुरक्षा के साथ सुचारू व्यवस्था बढ़ाने,विदेशी शराब,अवैध सट्टा,मिलावटी सामग्रियों पर रोक सहित विभिन्न मुद्दों पर ज्ञापन सौंपा।इस दौरान मालसिंह तोमर,भीलसिंह बघेल,अंकित किराड़,देवा कनेश,कैलाश डावर,कदम सोलंकी,कमलेश अजनार,राहुल भिंडे सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।