अवैध रूप से संचालित झोलाछाप के खिलाफ आदिवासी परिषद का ज्ञापन
पूछती हे जनता 8 माह पूर्व जप्त की दवाइयां और 18 झोलाछाप संचालकों के बनाए पंचनामा का क्या हुआ~~
7 दिनों में कार्यवाही नहीं हुई तो करेंगे बड़ा आंदोलन,देंगे धरना~~ अंगरसिंह चौहान
आलीराजपुर~~।आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में नानपुर क्षेत्र अंतर्गत अवैध रूप से संचालित झोलाछापो के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के चलते थाना प्रभारी को ज्ञापन दिया गया। परिषद के जिला अध्यक्ष अंगर सिंह ने बताया कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अवैध रूप से संचालित झोलाछापों के खिलाफ 7 दिनों के अंदर कार्रवाई नहीं की तो फिर बड़ा आंदोलन करते हुए धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
क्या हे मामला~~दरअसल जिले का महत्वपूर्ण कस्बा नानपुर पिछले कई सालों से स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कराहता रहा है।उल्लेखनीय है कि नानपुर उप स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत काफी गांवो की स्वास्थ्य सुविधाओं की जिम्मेदारी हे।उसके बावजूद कभी स्वास्थ्य केंद्र में कभी लापरवाही या कभी कर्मचारी, डॉक्टर की कमी की परेशानी को झेलते ग्रामीणों का रुख मजबूरन अवैध रूप से संचालित झोलाछापों की तरफ जाता है। वस्तुतः यह झोलाछाप केंद्र एक तरह से स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर अवैध कमाई का जरिया बने हुए हैं। मरीजों को हाई डोज की दवाई देकर तुरंत आराम मिलने के फायदे को देखते हुए मरीज का आकर्षण बढ़ता जाता है लेकिन दूसरी और इसके स्वास्थ्यगत नुकसान दिखाई नहीं देते।
आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष अंगार सिंह बताते हैं कि इन अवैध रूप से संचालित झोलाछापों के खिलाफ मेरे द्वारा लगातार वरिष्ठ अधिकारियों सहित बीएमओ, मेडिकल ऑफिसर को समय-समय पर अवगत करा जाता रहा है, लेकिन उसके बावजूद भी इस तरह के केंद्रों पर कार्रवाई नहीं करना स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रश्न उठाते हैं।
8 पहले माह बनाए पंचनामा~~सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 7 सितंबर 24 को स्वास्थ्य विभाग के अमले ने लगभग 18 अवैध रूप से संचालित करते झोलाछापों के खिलाफ पंचनामा कार्रवाई करते हुए उनके स्थान से बड़ी मात्रा में दवाइयां को जप्त कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नानपुर लाया गया था। कितने लंबे समय के बाद भी ना तो उन 18 झोलाछापों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई और भारी मात्रा में लाई गई दवाइयां का क्या हुआ। उन्हें वापस कर दी गई या नहीं कि, नहीं की तो कहां है। इसकी किसी को जानकारी नहीं है। इसीलिए दबे स्वर में जनता पूछती है,आठ माह पूर्व बनाए चालानो और पकड़ी दवाइयां का क्या हुआ।