मजदूर 6 माह की मजदूरी मांगता तो कंपनी कहती नहीं हे बाकी
मेघा कंपनी और कर्मचारी के बीच फंसा मजदूर बना लाचार
आलीराजपुर~~~जिम्मेदारी से काम करने का नतीजा अक्सर परेशान करने वाला होता है। ऐसा ही हाल आजादनगर तहसील के कोरियापान निवासी हेमराज का हो रहा है। हेमराज ने मेघा कंपनी में चौकीदार के रूप में लगभग 6 माह काम किया लेकिन मजदूरी देने में कंपनी हीला हवाला करती दिख रही है। वहीं कंपनी इतना पैसा बाकी नहीं है करके हाथ खड़े कर रही है।
कमोबेश मेगा कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी के आंकड़ों के बीच मजदूर अपनी मजदूरी के लिए लाचार बना हुआ है।
क्या हे मामला~~दरअसल मेघा इंजीनियरिंग द्वारा जिले के आजाद नगर के कोरिया पान में अपने शासकीय कार्य के चलते एक स्टोर रूम बनाया हुआ है जिस पर हेमराज केन सिंह को चौकीदार के पद पर 10 अक्टूबर से₹15 हजार मासिक वेतन पर काम पर रखा था। चौकीदार हेमराज की माने तो महीना खत्म होते ही मजदूरी काभुगतान किया जाना चाहिए लेकिन मुझे दिसंबर महीने में बार-बार बोलने के बाद 14 हजार रुपए दिए। मैं उसके बाद भी स्टोर रूम की चौकीदारी कर रहा हूं, लेकिन मुझे उसके बाद भी पैसा देने में आश्वासन दे रहे हैं।
चौकीदार हेमराज के पिता केनसिंह बीमार हो गए और उन्हें उपचार के लिए बाहर ले जाना पड़ा तो कंपनी के राजदीप जोशी से अपनी मजदूर के भुगतान देने का कहा लेकिन राजदीप जोशी बकाया मजदूरी का भुगतान नहीं देकर आजकल करते रहे और मजदूरी नहीं दी।
वहीं दूसरी ओर कंपनी की ओर से कहा जा रहा है कि हमारा इतना पैसा बाकी नहीं है हमें केवल ₹10 हजार और देना है।
चौकीदार हेमराज के अनुसार मुझे अक्टूबर से काम करते हुए अप्रैल तक 6 माह हो गये है। इस तरफ से मेरी मजदूरी 90 हजार रुपए होती है, जिनमें से मुझे ₹14 हजार दिए तो 76 हजार रु बकाया मजदूरी निकलती हे।फिर कंपनी कैसे 10 हजार रु बाकी बता रही है।
अटकलो के आंकड़े में पिसता गरीब चौकीदार हेमराज मेघा कंपनी के जिम्मेदारों के सामने कई बार फोन से बकाया मजदूरी के लिए गुहार लगा चुका है, लेकिन मेगा कंपनी के जिम्मेदार गरीब चौकीदार के बकाया मजदूरी के लिए कितने दिन काम नहीं किया कह कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। वही जल निगम के अस्सिटेंट इंजीनियर से संपर्क किया तो पहले उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया दूसरी बार कॉल किया तो उसका मोबाइल बंद आया।
चौकीदार हेमराज के अनुसार जल निगम के अधिकारी बहुत कम आते हैं और मेघा कंपनी के एक दो लोग आते हैं वह भी थोड़ी देर रुक कर चले जाते हैं। इन सब परेशानियों के बीच मैं 24 घंटे स्टोर रूम पर रहकर चौकीदारी कर रहा हूं उसके बाद भी मुझे अगर कंपनी पैसा नहीं देती है तो फिर मैं क्या करूं।
ये बोले जिम्मेदार~~चौकीदार का इतना पेमेंट बाकी नहीं हे ।जो भी बाकी होगा वह दे देंगे।
श्रीनिवास रेवानी,प्रोजेक्ट मैनेजर मेघा इंजीनियरिंग