जिम्मेदारों की जिम्मेदारी निभाते साहब पर परवाल नही परफेक्ट
विद्यालय पहुंचे एसडीम तो नहीं मिले सर--- अतिथि के भरोसे चलता विद्यालय
आलीराजपुर--- जिले की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए शासन अथवा प्रशासन लाख प्रयास करें, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते लापरवाही सामने आना आम बात हो गई है। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम कट्ठीवाड़ा क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में निरीक्षण के लिए पहुंचे तो कहीं सर नहीं मिले तो कहीं विद्यालय चलाते अतिथि दिखे। लापरवाही का आलम ऐसा था कि विद्यालय के एक सर एक माह से अनुपस्थित है, तो एक सर की उपस्थिति रजिस्टर में एक दिन अग्रिम उपस्थिति दर्ज होना पाई गई है। जिले में स्कूली शिक्षा विभाग में होती लापरवाही की जानकारी सामने आने पर जिले के सबसे बड़े महकमें के मुखिया प्रभारी सहायक आयुक्त की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं। आखिरकार वह अपने अधीनस्थ संस्थाओं की संचालन की गतिविधियों में सुधार क्यों नहीं ला पा रहे हैं।
एसडीएम तपिश पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर शिक्षण संस्थान का लगातार भ्रमण कर निरीक्षण रहे थे। इसी दौरान स्कूल के संचालन में बड़ी लापरवाही सामने आई है।
विकासखंड के ग्राम खामडदा होलिया चापर पर फलिया प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक रतीलाल विद्यालय में अनुपस्थित पाए गए और विद्यालय अतिथि शिक्षक के भरोसा संचालित किया जा रहा था ग्रामीण से चर्चा के दौरान जानकारी मिली के शिक्षक प्रतिदिन उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर घर चले जाते हैं। इसके साथ ही माध्यमिक विद्यालय के निरीक्षण में एक अतिथि शिक्षक के एक माह से अनुपस्थित होने की जानकारी सामने आई है
वही विद्यालय के सहायक शिक्षक गुमान सिंह भी निरीक्षण के दौरान उपस्थित नहीं थे जबकि उपस्थिति रजिस्टर देखने पर शिक्षक द्वारा अग्रिम दिवस की उपस्थिति दर्ज की गई थी।
एसडीएम ने अपने निरीक्षण के दौरान विद्यालयों में विद्यार्थियों को मध्यान भोजन भी व्यवस्थित रूप से नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
परवाल साहब कार्यालय में,उधर होती व्यवस्था बदहाल-- जिले में पिछले काफी लंबे समय से कहीं छात्रावास आश्रम के भोजन में कीड़े निकालने, खराब भोजन मिलने तो कहीं संदिग्ध स्थिति में छात्रों की मौत होने तो कहीं विद्यालय में शिक्षक के नहीं जाने जैसे कई जानकारी अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान सामने आती रही है लेकिन इस जिले का दुर्भाग्य है कि जिले के सबसे बड़ी शिक्षण संस्था में प्रभारी मुखिया के रूप में बैठे संजय परवाल की लापरवाही एवं उदासीनता के चलते लगातार विसंगतियां सामने आती रही है लेकिन उसके बाद भी वह अंगद के पांव की तरह विभाग में अपना सिक्का जमाए हुए हैं। नवागत कलेक्टर श्रीमती नीतू माथुर के लिए जिले की शिक्षण संस्थानों की स्थिति में सुधार लाना एक तरह से चुनौती पूर्ण होगा क्योंकि लापरवाह अधिकारियों के साथ व्यवस्था में होती विसंगतियों की जानकारी सामने आने के बाद भी उसके संचालन के तौर तरीकों में बदलाव होता दिखाई नहीं देता जिसके चलते न केवल छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
क्या बोले जिम्मेदार--- कलेक्टर महोदय के निर्देश पर निरीक्षण के दौरान स्कूलों की स्थिति में लापरवाही लगातार सामने आ रही है। संबंधित शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश संबंधित विभाग को देने के साथ ही जांच प्रतिवेदन तैयार कर मुख्यालय को जानकारी दी जा रही है।
तपिस पांडे,एसडीएम आलीराजपर/कट्ठीवाड़ा
