पहली बार हुई हायर सेकेंडरी स्तर की ओलम्पियाड परीक्षा जिम्मेदारो की लापरवाह के चलते छात्रों ने लगाई 3 किमी की दौड़ फिर भी 1घण्टा लेट पहुँचे
आलीराजपुर --- पहली बार हुई हायर सेकेंडरी स्तर की ओलंपियाड परीक्षा में जिम्मेदारों की लापरवाही का परिणाम छात्रों को भुगतना पड़ा। छात्रों ने समय कम होने के चलते लगभग 3 किलोमीटर लंबी दौड़ लगाकर हाफ़ते, गिरते, परेशान होते हुए छात्र लगभग 1 घण्टा देर से परीक्षा सेंटर पहुंचे।
हैरानी का विषय रहा की इस परीक्षा के जिला प्रभारी ने भी रुचि नही ली और ना ही परीक्षा केंद्र की व्यवस्थाओ को देखा और ना ही छात्रों का हाल जाना। जबकि ओलंपियाड परीक्षा के लिए समस्त प्राचार्य को 5 दिन पहले से ही लगातार निर्देश दिए जाते रहे और स्कूल से व्यवस्था करते हुए उन्हें परीक्षा केंद्र तक विद्यालय के एक शिक्षक के साथ ले जाने की जिम्मेदारी निर्धारित करनी थी मिली जानकारी के अनुसार कुछ स्कूलों के बच्चों को अपने हाल पर छोड़ दिया ना उन्हें भोजन या नाश्ता दिया ना उनके आने-जाने के लिये वाहन की व्यवस्था की। इसके चलते कई छात्र बहुत परेशान हुए।
क्या है मामला--- दरअसल बच्चों में तार्किक सोच, समस्या समाधान, क्षमता एवं नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने के साथ ही विश्लेषण वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के उद्देश्य से गणित एवं विज्ञान विषय में ओलंपियाड का आयोजन किया जाता रहा है। चुकी ओलंपियाड अब तक प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय के स्तर पर आयोजित किया जाता रहा है, लेकिन पहली बार हायर सेकेंडरी स्तर तक ओलंपियाड का आयोजन किया गया था। इसके लिए लगभग एक माह पहले ही जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2124 दिनांक 4 नवम्बर 25 से सभी प्राचार्य को अवगत कराते हुए जिले में प्रत्येक विकासखंड में परीक्षा केंद्रों की जानकारी दे दी गई थी। उसके बावजूद भी पीएम श्री स्कूल आम्बुआ के प्राचार्य की लापरवाही का परिणाम स्कूल के छात्रों को भुगतने के लिए मजबूर होना पड़ा। आम्बुआ प्राचार्य द्वारा ना तो छात्रों को परीक्षा केंद्र तक वाहन की व्यवस्था करके भेजा और ना ही बच्चों के साथ शिक्षक भेजा और ना ही परीक्षा केंद्र की जानकारी दी। परिणामस्वरूप छात्र बसों में बैठ कर आलीराजपर शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बस स्टैंड पर पहुंचे। यहां उन्हें बता गया की परीक्षा का केंद्र मॉडल स्कूल गड़ात है। समय कम होने के चलते सभी बच्चों ने दौड़ते भागते हुए लगभग 3 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद भी लगभग 12 बजे छात्र परीक्षा केंद्र पहुंचे। जबकि परीक्षा 11 बजे ही आरम्भ हो गई थी। इस दौरान कई छात्र-छात्राएं परेशान हो गई थी और वह परीक्षा देने की स्थिति में नहीं थी।
क्यों हुई लापरवाही-- सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग एक माह पूर्व से ही पत्र के द्वारा सूचित करने के साथ ही पिछले सप्ताह भर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से परीक्षा केंद्रों की जानकारी लगातार दी जा रही थी उसके बाद भी पीएम श्री स्कूल प्राचार्य लापरवाही सामने आना उनकी उदासीनता को दिखाता है। इसके साथ ही जिला स्तर से निर्देश दिए गए थे कि अपने स्कूल से एक शिक्षक के साथ परीक्षा केंद्र तक छात्रों को वाहनों की व्यवस्था के माध्यम से ले जाते हुए उन्हें भोजन अथवा नाश्ता करना है। मिली जानकारी के अनुसार कई विद्यालयों के बच्चे अपनी व्यवस्था से पहुंचे और उन्हें नाश्ता तब भोजन भी नहीं दिया गया।
मिश्रा मेम छुट्टी पर प्रभारी ने थोड़ी देर में बात करने का बोला-- परीक्षा प्रभारी के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी का दायित्व होता है कि वह परीक्षा को संचालित करने को लेकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें,लेकिन यहां पर प्रभारी अधिकारी एवं डिप्टी कलेक्टर निधि मिश्रा के अवकाश पर होने के चलते डिप्टी कलेक्टर निर्मला कलमे प्रभारी होने के नाते ओलंपियाड के लिए हुई लापरवाही के संदर्भ में बात करनी चाही तो उन्होंने व्यस्तता के हवाले देते हुए बात नही की।
नोट--फ़ोटो सोशल मीडिया से साभार--
