एसडीएम का औचक निरीक्षण में मिली कोताही
आंगनवाड़ी में नहीं मिलता पोषण आहार तो उप स्वास्थ्य केंद्र एक सप्ताह से मिला बंद
आलीराजपर--- जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों का भी हाल बुरा है। एक तरफ डॉक्टर साहब सप्ताह में एक दिन अस्पताल आते हैं,तो दूसरी ओर आंगनवाड़ी केंद्रों में पिछले 1 साल से पोषण आहार नहीं मिला। यह स्थिति जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र कट्ठीवाड़ा विकासखंड के ग्राम अकोला में देखने को मिली, जब एसडीएम तपिस पांडे कलेक्टर के निर्देश पर निरिक्षण के दौरान उप स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे तो वहां पर पदस्थ डॉक्टर अनुपस्थित मिले।
ग्रामीणों ने एसडीएम तपिस पांडे को जानकारी देते हुए बताया कि यहां डॉक्टर नियमित रूप से नहीं आते हैं इसलिए अधिकांश समय स्वास्थ्य केंद्र बंद रहता है,जिसके चलते उन्हें उपचार करने के लिए दूसरे स्थान पर जाना पड़ता है साथ ही हमें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इसी तरह एसडीएम पांडे द्वारा अकोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण करने पर जानकारी मिली के ग्राम में 6 आंगनबाड़ी केंद्र है,उन में से दो आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पिछले एक वर्ष से बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को शासन द्वारा दिए जा रहा पोषण आहार का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
ग्रामीणों ने एसडीएम को जानकारी देते हुए बताया कि शासन की सुविधा का लाभ नहीं मिलने की ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय कट्ठीवाड़ा के विभागीय अधिकारियों को की थी, लेकिन उसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया।
फल स्वरुप इतने लंबे समय तक पोषण आहार एवं खाद्य सामग्री का वितरण नहीं हो पाया ।इसके चलते गर्भवती, धात्री महिलाओं एवं छोटे बच्चों को समय पर पोषण आहार नहीं मिलने के चलते उन्हें कई परेशानियों का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाडी केंद्रों से आती इस तरह की लापरवाही की सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग के जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते है।स्वाभाविक रूप से यदि एक साल से ज्यादा समय छोटे बच्चों गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को शासन के नियम अनुसार योजनाओं के लाभ से वंचित रखा जा रहा था। ऐसे में ये माना जा सकता है कि विभाग की लगातार होती मॉनिटरिंग या तो लापरवाही का शिकार हो गई या फिर योजनाओं का कागजों में पेट भर दिया गया।
बहरहाल एसडीएम के निरीक्षण में आंगनबाड़ी केंद्रों की उजागर होती लापरवाही सामने आई जिससे यह बात सामने आती है कि विभाग के जिला अधिकारी एवं ब्लॉक अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से विभाग की योजनाओं का पात्र लोगों को लाभ पहुंचाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
