नोकरी के नाम ठगी करने वाला फरार आरोपी धराया--

शिव और शिवा की रणनीति से 3 साल से फरार आरोपी को आजादनगर पुलिस ने धरा--
नोकरी के नाम पर 10 लाख की कि ठगी--


आलीराजपुर--- जिले के चंद्रशेखर आजाद नगर पुलिस  के शिव और शिवा की रणनीति से  नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर तीन सालों से फरार चल रहे सह-आरोपी को  गिरफ्तारी करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की गई है।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली विज्ञप्ति के अनुसार  उक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तथा अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) के मार्गदर्शन में की गई।
थाना चंद्रशेखर आजाद नगर में धोखाधड़ी जैसा कृत्य करने की सुचना फरियादी संजय पिता वेस्ता भूरिया, निवासी ग्राम बरझर द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिस पर अपराध क्रमांक 305/2022, धारा 420, 34 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज  किया था।
  विज्ञप्ति से मिली जानकारी अनुसार आरोपियों द्वारा नौकरी दिलाने का झांसा देकर  ₹ दस लाख रुपये की राशि धोखे से आरोपियों द्वारा हड़प ली थी।
प्रकरण की विवेचना के दौरान जानकारी मिली कि मुख्य आरोपी सागर पिता शंकरसिंह डामोर द्वारा अपने सह-आरोपी अमजद खान पिता हुमायूं खान, उम्र 45 वर्ष, निवासी ऐशबाग, भोपाल के साथ मिलकर फरियादी को गुमराह किया गया।
 आरोपी अमजद खान द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर फर्जी नियुक्ति आदेश पत्र फरियादी को उपलब्ध कराया गया, जिससे फरियादी को नौकरी लगने का विश्वास हो गया था जिसके चलते उसने बड़ी राशि आरोपियों को दे दी।
पुलिस ने पूर्व में ही मुख्य आरोपी सागर डामोर को 23 नवम्बर 25 को गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं सह-आरोपी अमजद खान तीन साल से फरार चल रहा था।
 आरोपी की तलाश हेतु पुलिस की टीम द्वारा लगातार संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही थी। तकनीकी साक्ष्यों एवं सूचना संकलन के आधार पर थाना चंद्रशेखर आजाद नगर पुलिस के थाना प्रभारी शिवराम तरोले और बरझर चौकी प्रभारी शिवा तोमर की रणनीति से तीन सालों से फरार आरोपी अमजद खान को19 दिसम्बर 25 को  को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।
इस सराहनीय कार्यवाही में थाना प्रभारी चंद्रशेखर आजाद नगर निरीक्षक  शिवराम तरोले, बरझर चौकी प्रभारी उप निरीक्षक शिवा तोमर, सहायक उप निरीक्षक  भूपेन्द्र नायक, आरक्षक  धर्मेन्द्र,  सायराम,  ललित तथा साइबर पुलिस टीम का विशेष योगदान रहा है।
जिला पुलिस की अपील--- पुलिस आम लोगो से अपील करती है कि नौकरी दिलाने के नाम पर किसी भी अज्ञात या निजी व्यक्ति को धनराशि न दें तथा इस प्रकार की धोखाधड़ी से संबंधित सूचना तत्काल निकटतम थाना अथवा पुलिस नियंत्रण कक्ष को दें, ताकि समय रहते आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा सके।

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