शिक्षकों की समस्या करे निराकरण



ई उपस्थिति पर उठते सवाल
कर्मचारी नेता की प्रशासन को दो टूक
पहले शिक्षकों को समस्याएं करें दूर फिर ई उपस्थिति का सोचे~~वाघेला
आलीराजपुर ~~~भूखे पेट भजन ना हो गोपाला यह विचार प्रदेश शिक्षक संघ के राजेश वाघेला ने देते बताया 1 जुलाई से  स्कूलों में शिक्षकों की ई  उपस्थिति अनिवार्य की जा रही है। कर्मचारी नेता में प्रशासन को दो टुक कहते हुए कहा है कि पहले शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं का निदान करें उसके बाद ही जिम्मेदार शिक्षकों की ई उपस्थिति की बात करें।

 फाइल फोटो~~~
कर्मचारी नेता वाघेला ने शिक्षकों की ई उपस्थिति पर सवाल उठाते हुए कहां है कि इ अटेंडेंस एप से उपस्थिति दर्ज करना मतलब कर्मचारियों की उपस्थिति पर सवाल उठाना है। यदि ई उपस्थिति से ही कर्मचारियों की ईमानदारी दिखाई देती है तो फिर शिक्षकों की देखरेख में लगा अमला सीएससी,बीएसी,     बीआरसी,बीईओ एपीसी आदि पदों को समाप्त कर मोबाइल ऐप के माध्यम से ही उनकी मॉनिटरिंग की जा सकती है, इससे सरकार का पैसा भी बचेगा।

फाइल फोटो~~
कर्मचारी नेता राजेश वाघेला ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि जिले के शिक्षकों की समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। शिक्षकों के स्वतत्वों  क्रमोन्नति वेतनमान का निर्धारण क्रमन्नति, वेतनमान का एरियर, सहित अन्य एरियर बाकी है। अपनी समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षक,खंड शिक्षा कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, किंतु अधिकारी और बाबू शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। अधिकारी और बाबू केवल आश्वासन देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। इसलिए पहले शिक्षकों की समस्याओं का निदान करें उसके बाद ही  शिक्षकों की ई उपस्थिति की बात करें।
अपनी बात को वजन देते हुए वाघेला ने बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र के नाम पर अनेक फर्जी कल आ रहे हैं, जिसका अनेक शिक्षक शिकार हो रहे हैं। शिक्षा महकमे पर कर्मचारी नेता वाघेला ने आरोप लगाते हुए कहां है कि विभाग द्वारा शिक्षकों की निरंतर उपेक्षा की जा रही है।पहले शिक्षकों की  समस्याओं का निराकरण कर दिया जाय,उसके बाद ही ई  उपस्थिति के बारे में सोचा जाए।
 स्कूल आरंभ होते हैं 1 जून से शिक्षकों की ई उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है।
सार्थक ऐप के संदर्भ में वाघेला ने बताया कि जिले के दुरस्त कई क्षेत्रों में विद्युत के साथ नेटवर्क की परेशानी के चलते शिक्षक ई उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाने के कारण मानसिक रुप से शिक्षक परेशान होता है। 
कर्मचारी  नेता ने  बताया है कि पूरे प्रदेश के शिक्षक संघ द्वारा शिक्षकों की इ उपस्थिति का विरोध किया जा रहा है। विशेषकर हमारे जिले में शिक्षा विभाग के जिम्मेदार, शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करें,उसके बाद ही ई उपस्थिति लागू करें।

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