झोलाछाप पर नहीं होती एफआईआर

जिम्मेदारों का मेलजोल या जुगाड़ का फंडा


कैसे रुकेंगी झोला छापों की दुकान,नहीं होती एफआईआर,
आलीराजपुर~~~अवैध झोलाछाप संचालक के उपचार से एक ग्रामीण युवक की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन के अधिकारी अवैध झोलाछापों के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने के बाद विभाग के जिम्मेदारों को प्रकरण सौंप देते हैं, लेकिन उसके बाद भी स्वास्थ विभाग  के जिम्मेदार इस दिशा में कोई कार्रवाई करना नहीं चाहते हैं। उसका परिणाम यह होता है कि राजस्व अधिकारियों के दौरे के कुछ दिनों बाद झोलाछाप पुनः अपनी दुकान आरंभ कर देते हैं।


नहीं हुई एफआईआर~~ आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष अंगर सिंह ने कुछ महीने पूर्व नानपुर क्षेत्र के अवैध झोलाछाप के विरुद्ध अभियान चलाया था जिसके चलते प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार ने पत्र लिखते हुए स्थानीय पुलिस थाने पर लगभग 18  झोलाछापों के खिलाफ प्रकरण  दर्ज करने के लिए कहा था, लेकिन लंबा समय होने के बाद भी वह पत्र फाइलों में दब गया।
   कार्यवाही नहीं होने के चलते कुछ दिनों बाद कस्बे में झोला छाप फिर से सक्रिय हो गए और अपनी दुकान आरंभ करते हुए उपचार करने लगे हैं।
 उल्लेखनीय हे कि पिछले दिनों एक  झोलाछाप बिट्टू विश्वास के उपचार करने के चलते ग्रामीण युवक के हाथ में इंफेक्शन हो गया था। जिसको इंदौर उपचार के बाद लाभ मिला। लेकिन उसके बाद भी  झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।उसका परिणाम ये हुआ कि  फिर उसी झोलाछाप बिट्टू विश्वास ने एक ग्रामीण युवक की जान ले ली।
 एसडीएम तपीस पांडे ने सप्ताह भर पहले नानपुर कस्बे के तीन झोला छापों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग को इनके खिलाफ  कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इतने महत्वपूर्ण विषय के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के महकमें ने  त्वरित कार्रवाई करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसके चलते  ग्रामीण युवक जयराम की मौत का कारण बना।
सुबह नानपुर शाम को कुक्षी ~~~नानपुर कस्बे के एक झोलाछाप सुबह नानपुर में आकर ग्रामीणों का उपचार करते हैं, वहीं शाम को 5 बजे धार जिले के कुक्षी पहुंचकर अपनी दुकान प्रारंभ कर देते हैं। ऐसे ही अन्य कितने झोलाछाप है जो विभिन्न स्थानों पर सक्रियता से काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों के साथ जुगाड़ करके अवैध रूप से अपनी दुकान संचालित करते हुए ग्रामीण लोगों के जान के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आते हैं। 
कलेक्टर ने की अपील~~जिले के हर गांव में चल रहे हुए अवैध झोलाछाप बिना डिग्री के शासन के मापदंड को ठेंगा दिखाते हुए अपना काम खुले रूप से कर रहे हैं। नानपुर में हुई युवक की मौत के बाद कलेक्टर डॉक्टर अरविंद बड़ेकर ने लोगों से अपील करते हुए कहां है कि आप शासन के अस्पतालों में जाकर अपना उपचार कराए। ऐसे अवैध लोगों से अपना उपचार करा कर अपनी जान को खतरे में ना डालें।
ये बोले जिम्मेदार~~मैं जब नानपुर के कुछ अवैध चिकित्सा केंद्रों पर पहुंचा, उनके पास ना तो शासन की कोई डिग्री थी ना ही किसी तरह के पेपर। जिस पर मैंने उचित कार्यवाही करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया था। 
तपीश पांडेय, एसडीएम अलीराजपुर।

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