सरपंच पति का रूदाली आरोप~~

पत्नी मरती हे तो मर जाए में क्या करूं


सरकार के सरपंच पति के निकले आंसू
मेरी बीबी का कर दो इलाज
आलीराजपुर~~ व्यवस्था में विसंगति तब पैदा हो जाती है जब पद पर बैठे जिम्मेदारो का रवैया शासन के सेवा के तय मापदंडों को अपने रसूख से हवा में उड़ा दिया जाता है। ऐसा ही कुछ मामला नानपुर कस्बे में प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा केंद्र में घटित हुआ, जहां पर सरकार का सरपंच पति अपनी बीमार पत्नी के उपचार के लिए उपलब्ध डॉक्टर से विनती करता रहा, लेकिन डॉक्टर ने दो टूक तेरी पत्नी मरती हो तो मर जाए मुझे क्या करना बोल कर शासन प्रशासन को खुले आम चुनौती दे डाली। वहीं पदस्थ महिला डॉक्टर ने सरपंच पति के सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया है ।


क्या हे मामला~~दरअसल नंदपुर कस्बे के पूर्व सरपंच और वर्तमान में सरपंच पति समरथ मौर्य अपनी बीमार पत्नी नानबाई के स्वास्थ्य खराब हो जाने के चलते उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गए थे। ड्यूटी पर सदस्य डॉक्टर और सरकार के सरपंच पति के बीच उपचार करने को लेकर आरंभ हुई बातचीत आखिरकार विवाद में बदल गई। पूर्व सरपंच समरथ मौर्य ने बताया कि उनकी पत्नी का स्वास्थ्य ज्यादा खराब था और मैं उनसे प्राथमिक उपचार देने के लिए निवेदन कर रहा था, तो मेरे निवेदन पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर भड़क गई और उन्होंने कह दिया कि तुम्हारी पत्नी अगर मरती है तो मर जाए जिससे मेरा क्या लेना देना। डॉक्टर का जवाब सुनते ही सरपंच पति और डॉक्टर के बीच तीखी नोक झोंक हुई। किसी बीच डॉक्टर ने मौका देखकर पुलिस को सूचना दी और पुलिस अधिकारी ने आकर सरपंच को समझाते हुए कमरे से बाहर किया। घटे घटनाक्रम के बाद पूर्व सरपंच की पत्नी नान बाई को जिला अस्पताल में रेफर किया गया जहां पर उसका प्रारंभिक उपचार जारी है।
बोल से हुआ बबाल~~ड्यूटी पर पदस्थ डॉक्टर वर्मा मैडम के इस तरह के बोल के बाद अस्पताल परिसर में हंगामा मच गया। नाराज सरपंच पति ने अपने आक्रामक तेवरों से व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए बोले सरकार जब गरीबों के उपचार के लिए इतना पैसा खर्च करती है तो उसके बाद भी गरीबों को उपचार रूपी सेवाएं क्यों नहीं मिल पाती।डॉक्टर के कथिक बोल से उपजा बवाल आखिरकार क्या संदेश देना चाहता है। जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से काम नहीं करना चाहते हैं या फिर व्यवस्था में विसंगतियों का सहारा लेकर अपना समय पूरा करने में लगे हुए हैं। कारण कुछ भी हो लेकिन इस तरह के हालात शासन के उद्देश्य को पूरा नहीं करते हैं।
बताते चले कि नानपुर उप स्वास्थ्य केंद्र पिछले काफी समय से अपनी कार्य प्रणाली के चलते सुर्ख़ियों मैं बना रहता आया है। लोगों का आरोप हे कि शासन द्वारा सुविधा देने के बाद भी मरीज को सुविधाएं नहीं मिलती जिसके चलते ग्रामवासियों को परेशानी उठाने को मजबूर होना पड़ता है।
आरोपों और प्रत्यारोपों के बीच नानपुर स्वास्थ्य केंद्र में घटा मामले पर कलेक्टर क्या निर्णय लेते हैं।तब तक अटकलों में गूंजता रहेगा।
जिम्मेदारों ने नहीं की बात~~~सोमवार स्वास्थ्य केंद्र परिसर में घटे घटनाक्रम और डॉक्टर के  मर्यादित आचरण को लेकर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर देवेंद्र सुनहरे और ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर प्रशांत पटेल संपर्क किया तो उन्होंने बात नहीं की,वही उप स्वास्थ्य केंद्र की डॉक्टर मोनिका चौहान ने  अपने ऊपर लगाए आरोपी को बेबुनियाद बताते हुए कहा हे कि एक डॉक्टर हमेशा मरीज के अच्छे स्वास्थ के लिए  काम करता हे।सरपंच ने ही मुझसे अभद्रता की है।

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form