पुलिस का अभिमन्यु अभियान-3
एसपी पहुंचे महाविद्यालय मिले छात्राओं से
महिलाओं, बच्चों की रक्षा कर बने समाज के सच्चे प्रहरी~रघुवंश कुमार सिंह
आलीराजपुर~~मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय महिला सुरक्षाशाखा के निर्देश पर जिला पुलिस अभिमन्यु 3 जन जागरूकता अभियान चल रहा है। इस अभियान के अंतर्गत स्थानीय शासकीय महाविद्यालय के ऑडिटोरियम हाल में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक रघुवंश कुमार सिंह ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला एवं बालिकाएं समाज का आधार है और उन्हें हमेशा से ही देवी स्वरूप मानकर उनके सम्मान में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाने की आवश्यकता है।
पुलिस अधीक्षक ने लिंग अनुपात एवं रूढ़िवादिता पर बोलते हुए कहा कि घटते लिंग अनुपात और भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाओं और रोक लगाकर समाज को संतुलित एवं प्रगतिशील बनाया जा सकता है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि समाज की रूढ़िवादी परंपराओं को त्याग कर महिला एवं पुरुष दोनों को बराबर का सम्मान एवं अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है।
उपस्थित छात्राओं को पुलिस अधीक्षक सिंह ने महाभारत के प्रसंग के माध्यम से बताया कि अभिमन्यु को गर्भावस्था के दौरान ही चक्रव्यूह भेदन का ज्ञान प्राप्त हुआ था। इसलिए हम इस उदाहरण के द्वारा कह सकते हैं कि यदि बचपन से ही बच्चों में शिक्षा संस्कार और जनता का बीजारोपण किया जाए तो वह भविष्य में सशक्त नागरिक बनकर समाज की रक्षा करेंगे। इसलिए प्रत्येक छात्र-छात्रा को अभिमन्यु बनाकर विशेष कर महिला बच्चों का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए। सामाजिक बुराइयां एवं सुधार के संदर्भ में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि शराब सेवन, भ्रूण हत्या और हिंसा जैसी असुरी प्रवृत्तियों को त्याग कर समाज में शांति,ज़ सहयोग और समरसता स्थापित करने हेतु दिव्य प्रवृत्ति अपनाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक ने साइबर अपराध, सोशल मीडिया दुरुपयोग, फ्रॉड, ऑनलाइन, ब्लैकमेलिंग जैसे कई अन्य विषयों पर भी विस्तार से जानकारी देते हुए छात्राओं को जागरूक करने का प्रयास किया।
इस दौरान महिला थाना प्रभारी श्रीमती मनोरमा सिसोदिया, सुधा, आरक्षक राम, वीरेंद्र, शास्त्री महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मीना सोलंकी, प्राध्यापक सुरेंद्रसिंह सस्तीया,प्रदीप कनेश, सुरजीत सिंह जाट, महेश जामोद, संतोष सूर्यवंशी समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

